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RTE Free Admission News Rajasthan सत्र 2025-26 के लिए निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश दिशा-निर्देश

RTE 2009 : सत्र 2025-26 के लिए निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश दिशा-निर्देश जारी RTE 2009 : Free Admission Guidelines Released for 2025-26 Session in Private Schools

RTE 2009 : सत्र 2025-26 के लिए निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश दिशा-निर्देश जारी RTE 2009 : Free Admission Guidelines Released for 2025-26 Session in Private Schools


शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE 2009): इतिहास, महत्व और राजस्थान में 2025-26 के लिए नवीनतम अपडेट

प्रकाशन तिथि : 23 मार्च 2025


🔥 बड़ी खबर : राजस्थान में RTE 2009 के तहत 2025-26 के लिए निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश शुरू 


अगर आप राजस्थान के माता-पिता हैं और अपने बच्चे के लिए बेहतर शिक्षा चाहते हैं लेकिन फीस की चिंता सता रही है, तो यह खबर आपके लिए है ! राजस्थान सरकार ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE), 2009 के तहत सत्र 2025-26 के लिए निजी स्कूलों में मुफ्त प्रवेश के दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इसके तहत निजी स्कूलों में प्री-प्राइमरी कक्षाओं और कक्षा 1 में 25% सीटें आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित बच्चों के लिए मुफ्त होंगी। आइए जानते हैं कि यह क्या है, कैसे काम करता है, और आप इसका लाभ कैसे उठा सकते हैं।








शिक्षा हर बच्चे का मूल अधिकार है, और भारत सरकार ने इसे सुनिश्चित करने के लिए शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 (Right to Education Act, RTE) लागू किया। हाल ही में राजस्थान सरकार ने इस अधिनियम के तहत सत्र 2025-26 के लिए निजी स्कूलों में 25% सीटों पर नि:शुल्क प्रवेश के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। यह खबर उन परिवारों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आई है जो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देना चाहते हैं, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण ऐसा नहीं कर पाते। इस लेख में हम RTE 2009 के पूरे इतिहास, इसके प्रावधानों, और राजस्थान में इसके नवीनतम अपडेट को विस्तार से समझेंगे ताकि आम लोगों को इसके बारे में पूरी जानकारी मिल सके।


बड़ी खबर क्या है ? Rajasthan School Free Admission News 2025


RTE 2009 की धारा 12(1)(ग) के तहत, राजस्थान के निजी (गैर-सहायता प्राप्त) स्कूलों को अपनी 25% सीटें मुफ्त में देनी होंगी।
23 मार्च 2025 को जारी नवीनतम अपडेट में सत्र 2025-26 के लिए यह घोषणा की गई है।

मुख्य बातें: 

  • कक्षाएं: प्री-प्राइमरी (नर्सरी, LKG, UKG) और कक्षा 1
  • आवेदन की तारीख: ऑनलाइन आवेदन 25 मार्च 2025 से 7 अप्रैल 2025 तक।


  • प्रक्रिया: आवेदन ऑनलाइन होंगे और चयन लॉटरी सिस्टम से होगा।




आरटीई टाइम फ्रेम
क्रं.स. विवरण / गतिविधि आरटीइ टाईम फ्रेम
1 विज्ञापन जारी करना दिशा निर्देश जारी होने के तत्काल बाद
2 विद्यालय प्रोफाइल अपडेट करना 24 मार्च 2025 तक
3 ऑनलाइन आवेदन करना व दस्तावेज अपलोड करना 25 मार्च 2025 से 07 अप्रैल 2025 तक
4 ऑनलाइन लॉटरी द्वारा वरीयता क्रम निर्धारित करना 09 अप्रैल 2025
5 ऑनलाइन रिपोर्टिंग करना (विद्यालय चयन क्रम बदलना) 09 अप्रैल 2025 से 15 अप्रैल 2025 तक
6 आवेदन पत्रों की जाँच करना 09 अप्रैल 2025 से 21 अप्रैल 2025 तक
7 शेष आवेदन ऑटोवेरीफाई करना 22 अप्रैल 2025
8 दस्तावेजों में संशोधन करना 09 अप्रैल 2025 से 24 अप्रैल 2025 तक
9 संशोधित आवेदन पत्रों की पुनः जाँच करना 09 अप्रैल 2025 से 28 अप्रैल 2025 तक
10 Rejection Request की जांच करना 11 अप्रैल 2025 से 05 मई 2025 तक
11 संशोधित आवेदन ऑटोवेरीफाई करना 06 मई 2025
12 आरटीई सीट्स पर चयन करना (प्रथम चरण) 09 मई 2025 से 15 जुलाई 2025 तक
13 आरटीई सीट्स पर चयन करना (द्वितीय चरण) 16 जुलाई 2025 से 05 अगस्त 2025 तक
14 आरटीई सीट्स पर चयन करना (अन्तिम चरण) 06 अगस्त 2025 से 31 अगस्त 2025 तक



शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE 2009) क्या है?


RTE 2009 भारत की संसद द्वारा 4 अगस्त 2009 को पारित एक ऐतिहासिक कानून है, जो 1 अप्रैल 2010 से लागू हुआ। यह अधिनियम भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21A के तहत 6 से 14 साल के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाता है। भारत इस कानून के साथ 135 देशों की सूची में शामिल हो गया, जहां शिक्षा को हर बच्चे का मूल अधिकार माना जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि देश का हर बच्चा, चाहे वह किसी भी आर्थिक या सामाजिक पृष्ठभूमि से हो, प्राथमिक शिक्षा प्राप्त कर सके।

RTE 2009 का इतिहास: कैसे शुरू हुई यह पहल?


शिक्षा का अधिकार अधिनियम का विचार नया नहीं था। इसका आधार भारत के संविधान निर्माताओं ने आजादी के बाद ही रखा था। संविधान के मूल स्वरूप में शिक्षा को नीति निर्देशक तत्वों (Directive Principles of State Policy) के तहत रखा गया था, लेकिन इसे मौलिक अधिकार बनाने की मांग लंबे समय से चल रही थी।

  1. - 1990 में राममूर्ति समिति रिपोर्ट: इस समिति ने सबसे पहले शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाने की सिफारिश की।
  2. - 86वां संविधान संशोधन (2002): इस संशोधन के तहत अनुच्छेद 21A को संविधान में जोड़ा गया, जिसमें 6 से 14 साल के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया गया।
  3. - 2005 में पहला मसौदा: RTE विधेयक का पहला ड्राफ्ट तैयार किया गया, जिस पर काफी विवाद हुआ, खासकर निजी स्कूलों में 25% आरक्षण को लेकर।
  4. - 2009 में कानून पारित: लंबी चर्चा और संशोधनों के बाद, 4 अगस्त 2009 को यह कानून पारित हुआ और 26 अगस्त 2009 को राष्ट्रपति की मंजूरी के साथ अधिसूचित हुआ।
इसके लागू होने के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा, "हम सभी बच्चों को शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, चाहे उनकी लिंग या सामाजिक श्रेणी कुछ भी हो।"

RTE 2009 के मुख्य प्रावधान


RTE अधिनियम में कई महत्वपूर्ण प्रावधान हैं जो शिक्षा को समावेशी और सुलभ बनाने पर जोर देते हैं। ये हैं:

  • 1. 6 से 14 साल के बच्चों के लिए मुफ्त शिक्षा: हर बच्चे को पड़ोस के स्कूल में मुफ्त प्राथमिक शिक्षा का अधिकार।
  • 2. निजी स्कूलों में 25% आरक्षण: धारा 12(1)(ग) के तहत, निजी गैर-सहायता प्राप्त स्कूलों को अपनी कुल सीटों का 25% हिस्सा आर्थिक रूप से कमजोर और वंचित वर्गों के बच्चों के लिए आरक्षित करना होगा। सरकार इन बच्चों की फीस की प्रतिपूर्ति करती है।
  • 3. कोई भेदभाव नहीं: स्कूलों में बच्चों के साथ जाति, धर्म, लिंग या आर्थिक स्थिति के आधार पर भेदभाव निषिद्ध है।
  • 4. अमान्य स्कूलों पर रोक: बिना मान्यता वाले स्कूलों को संचालित करने पर प्रतिबंध।
  • 5. कोई दान या साक्षात्कार नहीं: प्रवेश के लिए दान (कैपिटेशन फीस) लेना या बच्चों/अभिभावकों का साक्षात्कार लेना गैरकानूनी।
  • 6. शिक्षक-छात्र अनुपात: हर स्कूल में शिक्षकों की पर्याप्त संख्या सुनिश्चित करना।

राजस्थान में RTE का कार्यान्वयन


राजस्थान में RTE अधिनियम को लागू करने के लिए राज्य सरकार ने कई कदम उठाए हैं। राज्य में शिक्षा विभाग ने RTE पोर्टल (rajpsp.nic.in) शुरू किया, जो कमजोर और वंचित वर्गों के बच्चों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया को आसान बनाता है। इस पोर्टल के जरिए हर साल निजी स्कूलों में 25% मुफ्त सीटों के लिए आवेदन स्वीकार किए जाते हैं और लॉटरी सिस्टम के आधार पर बच्चों का चयन होता है।

हालांकि, शुरुआती सालों में राजस्थान में RTE के कार्यान्वयन में कई चुनौतियां आईं। कई निजी स्कूलों ने 25% आरक्षण का विरोध किया और इसे लागू करने में आनाकानी की। 2012 में सुप्रीम कोर्ट ने इस प्रावधान को संवैधानिक ठहराया, लेकिन अल्पसंख्यक और बोर्डिंग स्कूलों को इससे छूट दी गई। इसके बावजूद, धीरे-धीरे राज्य में जागरूकता बढ़ी और अब यह योजना लाखों बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है।


आवेदन कैसे करें?


1. वेबसाइट पर जाएं: rajpsp.nic.in पर विजिट करें।
2. नया पंजीकरण: "New Registration" पर क्लिक कर मोबाइल नंबर और ईमेल दर्ज करें। OTP से सत्यापन करें।
3. फॉर्म भरें: बच्चे और अभिभावक की जानकारी सही-सही भरें।
4. दस्तावेज अपलोड करें: आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण आदि।
5. जमा करें: फॉर्म सबमिट करें और आवेदन संख्या नोट करें।

पात्रता मानदंड


- बच्चे का निवास स्कूल से 1 किमी के दायरे में होना चाहिए।
- परिवार की वार्षिक आय सरकार द्वारा निर्धारित सीमा से कम होनी चाहिए।
- वंचित समूह (SC/ST/OBC/दिव्यांग) के बच्चे प्राथमिकता में होंगे।

RTE का महत्व और प्रभाव


RTE अधिनियम ने भारत में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने की कोशिश की है। यह न केवल गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ने का मौका देता है, बल्कि सामाजिक समानता को भी बढ़ावा देता है। राजस्थान जैसे राज्य में, जहां ग्रामीण इलाकों में शिक्षा की पहुंच अभी भी सीमित है, यह योजना उम्मीद की किरण बनकर उभरी है।

हालांकि, चुनौतियां भी कम नहीं हैं। कई निजी स्कूल फीस प्रतिपूर्ति में देरी की शिकायत करते हैं, वहीं कुछ अभिभावकों को प्रक्रिया की जटिलता के कारण परेशानी होती है। फिर भी, हर साल लाखों बच्चे इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।

निष्कर्ष


शिक्षा का अधिकार अधिनियम (RTE 2009) भारत के भविष्य को संवारने का एक मजबूत कदम है। राजस्थान में सत्र 2025-26 के लिए जारी नवीनतम दिशा-निर्देश इस दिशा में एक और प्रयास हैं। अगर आप इस योजना का लाभ उठाना चाहते हैं, तो 25 मार्च से शुरू होने वाली आवेदन प्रक्रिया में हिस्सा लें। यह आपके बच्चे के बेहतर भविष्य का पहला कदम हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए [rajpsp.nic.in](https://rajpsp.nic.in) पर विजिट करें और अपने सवालों के जवाब पाएं।

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